चुनाव से पहले ही कांग्रेस उम्मीदवार क्यों बढ़ा रहे टेंशन? सूरत, इंदौर के बाद पुरी में लगा पार्टी को बड़ा झटका

नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की परेशानी खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। पहले सूरत, फिर इंदौर और अब पुरी। कांग्रेस के उम्मीदवार चुनाव से पहले मैदान से पीछे हट जा रहे हैं। अब पुरी से कांग्रेस उम्मीदवार सुचारिता मोहंती ने पार्टी का टिक

4 1 6
Read Time5 Minute, 17 Second

नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की परेशानी खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। पहले सूरत, फिर इंदौर और अब पुरी। कांग्रेस के उम्मीदवार चुनाव से पहले मैदान से पीछे हट जा रहे हैं। अब पुरी से कांग्रेस उम्मीदवार सुचारिता मोहंती ने पार्टी का टिकट लौटा दिया है। मोहंती का कहना है कि उनके पास चुनाव लड़ने के लिए पैसे नहीं हैं। लोकसभा में बिना लड़े ही लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की यह तीसरी बड़ा झटका है। दूसरी तरफ कांग्रेस इन घटनाक्रमों को लेकर बीजेपी पर लोकतंत्र का चीरहरण करने का आरोप लगा रही है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत कह चुकी हैं कि बीजेपी के शीर्ष नेता विपक्षी उम्मीदवारों को डराने-धमकाने और मामले दर्ज करवाने का काम कर रहे हैं। उम्मीदवारों का पर्चा खारिज होने, टिकट लौटाने और नाम वापस लेने को लेकर कांग्रेस बीजेपी को जिम्मेदार ठहरा रही है। सूरत के संदर्भ में कांग्रेस का कहना था कि बीजेपी के मजबूत गढ़ में भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इतना घबराए और डरे हुए क्यों हैं? पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह आरोप भी लगाया कि सूरत के बाद इंदौर लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस के उम्मीदवारों को नामांकन वापस लेने के लिए डराया और धमकाया गया।

पुरी में पीछे हटीं कांग्रेस उम्मीदवार

पुरी लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार सुचारिता मोहंती ने पैसे की तंगी से जूझ रही पार्टी से कम वित्तीय सहायता का हवाला देते हुए चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। ओडिशा में लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी के लिए इसे बड़ा झटका माना जा रहा है। पुरी लोकसभा सीट और इसके तहत सात विधानसभा क्षेत्रों के लिए 25 मई को वोटिंग होनी है। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 6 मई है। बीजेडी के अरूप पटनायक और बीजेपी के संबित पात्रा पहले ही अपना नामांकन पत्र दाखिल कर चुके हैं। मोहंती ने शनिवार को कहा कि मैंने पार्टी का टिकट लौटा दिया है। उन्होंने कहा कि मैंने शुक्रवार रात को पार्टी के आला अधिकारियों को एक मेल भेजा, जिसमें पार्टी से शून्य फंडिंग के कारण चुनाव नहीं लड़ने के अपने फैसले से अवगत कराया। हाल ही में मोहंती ने चुनाव लड़ने के लिए चंदा मांगते हुए एक क्राउडफंडिंग अभियान शुरू किया था। उसने पैसे मांगते हुए अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक यूपीआई क्यूआर कोड साझा किया था। मोहंती ने कहा कि उन्हें दानदाताओं की मदद लेने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि नकदी की कमी से जूझ रही कांग्रेस के बैंक खाते पहले ही फ्रीज कर दिए गए थे। उन्होंने कहा कि चूंकि मैं अपने दम पर धन नहीं जुटा सकता था, इसलिए मैंने पार्टी से मुझे धन मुहैया कराने की अपील की। जब मेरे प्रयास सफल नहीं हुए, तो मैंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। मोहंती ने 2014 में भी पुरी संसदीय सीट से चुनाव लड़ा था।

उम्मीदवार को डरा-धमका कर, उनके प्रस्तावकों को डरा-धमकाकर, उनके खिलाफ मामला दर्ज करके, जो काम बीजेपी कर रही है उसे चुनाव जीतना नहीं कहते, उसे लोकतंत्र का चीरहरण कहते हैं। यह काम भाजपा के शीर्ष नेता कर रहे हैं।
सुप्रिया श्रीनेता, कांग्रेस प्रवक्ता

सूरत में लगा था पहला झटका

सूरत लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुंभाणी का नामांकन पत्र 21 अप्रैल को खारिज कर दिया गया था। जिला निर्वाचन अधिकारी ने प्रथम दृष्टया प्रस्तावकों के हस्ताक्षर में विसंगतियां पाई थीं। निर्वाचन अधिकारी सौरभ पारधी ने अपने आदेश में कहा था कि नामांकन फॉर्म पर प्रस्तावकों के हस्ताक्षर असली नहीं लग रहे थे। आदेश में कहा गया कि प्रस्तावकों ने अपने हलफनामों में कहा था कि उन्होंने फॉर्म पर खुद हस्ताक्षर नहीं किए हैं। बीजेी उम्मीदवार मुकेश दलाल के चुनाव एजेंट दिनेश जोधानी ने कांग्रेस उम्मीदवार के नामांकन पत्र पर आपत्ति जताई थी। अधिकारियों की तरफ से फॉर्म खारिज किए जाने के बाद बीजेपी ने अन्य आठ नामांकन पत्र भी वापस करवा लिए। इसके बाद बीजेपी के मुकेश दलाल को निर्विरोध विजेता घोषित कर दिया गया। इसके बाद कांग्रेस की गुजरात इकाई ने नीलेश कुम्भाणी को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया। कांग्रेस राज्य इकाई का कहना था कि पार्टी इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि नामांकन पत्र नीलेश घोर लापरवाही या बीजेपी से उनकी मिलीभगत के कारण रद्द हुआ।

लोकसभा चुनाव में क्या इस बार सही राह पर हैं राहुल गांधी? रायबरेली से मुकाबले में उतरने की रणनीति क्या है

इंदौर : कांग्रेस उम्मीदवार ने वापस लिया था नाम

मध्य प्रदेश के इंदौर संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस को 29 अप्रैल को बड़ा झटका लगा था। यहां से पार्टी के उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया था। इंदौर में कांग्रेस के अक्षय कांति बम और भाजपा के उम्मीदवार शंकर लालवानी के बीच मुकाबला था। वहीं, 29 अप्रैल को अक्षय ने निर्वाचन कार्यालय पहुंचकर अपना नामांकन वापस ले लिया। पिछले विधानसभा चुनाव में इंदौर में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया था। इंदौर में किसी सीट पर कांग्रेस को जीत नहीं मिली थी। संभावना जताई जा रही है कि अक्षय कांति बम बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। इस पर बीजेपी नेता और राज्य सरकार के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने एक्स पर लिखा, इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी अक्षय बम का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अध्यक्ष जेपी नड्डा और मुख्यमंत्री मोहन यादव व प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा के नेतृत्व में भाजपा में स्वागत है।

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

Bihar News: मोबाइल पर बात करने पर मां ने मारा थप्पड़, फिर किशोरी ने उठाया खौफनाक कदम; परिवार में मचा कोहराम

स्वर्णिम भारत न्यूज़ संवाददाता, नरकटियागंज। Paschimi Champaran News:शिकारपुर थाने के मल्दी गांव में एक किशोरी को मोबाइल पर घंटे भर से अधिक बात करते मां ने थप्पड़ मारी तो बेटी गुस्से में आकर फंदे से लटककर जान दे दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव कब्

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now